कभी ऐसा सोचा नही था कि भरी जवानी में तीर्थ यात्रा करनी पड़ेगी ... भला हो अमर उजाला वालों का देहरादून से हरिद्वार लाकर पटक दिया.....अब शायद येही दिन बचे थे कि धर्म नगरी में कि रातें करवट लेकर, 'शाम गंगा किनारे और दिन सडको कि ख़ाक छानकर बीतेगा .....
Thursday, June 12, 2008
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